Sunday, January 30, 2011

कठोरतम प्रहार

Photo: Lightning at night over Walton, Nebr.
मेरे  
प्यार की तपस्या को देख
एक बार-
पृथ्वी भी चींख उठी
आसमान भी कांप उठा
सारा संसार रो दिया
पर तुम-
निष्ठुर बनकर
आकाश में छाए हुए
बादलों की ओट लेकर
सारा कृत्य देखते रहे
तुम--
उस क्षितिज के पार
हवाओं के साथ बार-बार
आते रहे
सारा नज़ारा देखते रहे
पर ना जाने क्यों
इस पृथ्वी पर आने से
फिर भी डरते रहे
मेरे प्यार की चीख को सुन
सारा जहाँ विस्मित हो उठा
पर-
तुम खोये रहे अनभिज्ञता में
सब कुछ जानकार भी अन्जान बने रहे
तुम -
इस कठोरतम प्रहार की दुनिया में
मेरे प्रेम की परीक्षा लेते रहे
पर -
फिर एक दिन पंहुँच गई
तुम्हारी ही दुनिया में ढूढने तुम्हे
ना पा सकी तुम्हे वहां भी
आ गयी फिर-
इस दुनिया में ढूढने तुम्हे
फिर वही प्यार का कठोरतम प्रहार सहने !

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