Thursday, February 3, 2011

अनुबंधित


तुम पागल
अनुबंधित
आसमान की उचाईयों को
छू चुकने के बाद भी
सृष्टी के नियमों से
अनजान बने रहे
तुम-
न्यूटन के तीसरे नियम से
अनभिज्ञ रहे
समझने की कोशश में असफल रहे
तुम अतीत के गर्त में
छुपी हुई चांदनी को
निहारते रहे
भविष्य की कल्पना में
वर्तमान को खोते रहे
तुम-
बेवकूफ हो
न्यूटन के तीसरे नियम को
आज तक ना समझ पाए
तुम-
उस मृग-मरीचिका के भुलावे में आकर
अंधकार में उसे ढूंढते रहे
तुम-
छलावे में छलते रहे
पग-पग पर बिखरते रहे
अंदर ही अन्दर टूटते रहे
अपना हमसफ़र ढूंढते रहे
न्यूटन के तीसरे नियम को
समझने की कोशिश में
अपना वर्तमान ख़त्म कर चले !







No comments:

Post a Comment