Tuesday, January 25, 2011

प्रार्थना !!


अपनी रचनाएँ लिखने से पहले मैं उन सभी लोगों का अभिनन्दन करती हूँ जिनकी प्रेरणा से मैं आप सभी लोगों तक पहुँच रही हूँ अपनी रचनाओं के माध्यम से. सबसे पहले अपनी उस प्रार्थना को प्रस्तुत करना चाहूंगी जिसे मैं बचपन से गाती हूँ . इस प्रार्थना को गाने से और सुनने से मेरे मन को विशवास और दृढ़ता मिलती है और जीने की प्रेरणा मिलती है. एक रौशनी की झलक दिखाई देती है अपने प्रति और अपने  ईश्वर के प्रति. क्योंकि जीवन का हर पथ सहज ही इतना सुगम नहीं होता है. उस पर चलने के लिए हमें अपने ईश्वर का सहारा लेना पड़ता है. मैं और मेरा आत्मविशवास अपने ईश्वर के सहारे हर पथ पर, हर परिस्थितियों में आगे बढ़ने की हिम्मत रखता है. वह हिम्मत जिसके सहारे हर मंजिल आसान हो जाती है. फिर कोई कुछ भी कहे कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्यों की हर वस्तु चलायमान है, गतिमान है. उसे निरंतर आगे की और बढ़ते ही जाना है और बस बढ़ते ही जाना है कभी न रुकने के लिए फिर चाहे रास्ते में कितने ही विध्न्य क्यों न हो. ईश्वर की शक्ति के सामने हर कोई विफल है. अतः हमें इन ईश्वरीय शक्तियों को अपने ह्रदय में समेटे हुए निडर हो कर आगे की और बढ़ते ही जाना है. जहाँ न ईर्ष्या है न द्वेष, जहाँ हर तरफ पावनता की महक ही महक है. हर अन्धकार उजाला ही उजाला है. वहां सिर्फ कामयाबी की  फ़तेह ही फ़तेह है. अजहर,अमर, अटूट और अतुलनीय विशवास अपने ईश्वर के प्रति. इस सारे ब्रह्माण्ड में यही परम सत्य है जिससे कोई अछूता नहीं. ईश्वर की शक्ति वह उर्जा है जो की इन्सान को सकारात्मक रास्ते की तरफ ले जाती है. यह जीवन अति बहुमूल्य है, इन्सान का जन्म इतनी आसानी से नहीं मिलता है. इसका हर पल बहुत कीमती है अतः समय के रहते हुए चैतन्य हो जाने में ही भलाई है. हमारा हरेक कृत्य दूसरों की भलाई और खुशीयाँ देने के लिए होना चाहिए. यह प्यार सागर की तरह है उसे  यूँ ही बहते रहने दो. जो आनंद प्यार में समाया हुआ है वह इस जहाँ की वस्तुओं से नहीं तोला जा सकता है. प्रेम की अनुभूति ही इन्सान को परमात्मा तक ले जा सकती है. जिसने प्यार किया है और उसका अहसास किया है वही सच्चे अर्थों में ईश्वर के निकट पहुँच सकता है. मेरा रोम- रोम, मेरी रग-रग में बसा हुआ प्यार,मेरी उपासना अपने ईश्वर के नाम समर्पित है. सिर्फ एक ही नाम ओमकार और बस ओमकार. अब प्रस्तुत है अपने आराध्य ईश्वर की दिलोजान से स्तुति जिनकी अपार शक्ति ने मुझे जीने की एक झलक दिखाई.
                                                                                                                  ईतिश्री

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