गर आओ तो आ जाना
मेरी मौत का जनाजा उठने से पहले
कर देना अर्पित मेरी अर्थी पर
अपने ही कोमल कर कमलों से
यह खुशबू में लहलहाते पुष्प
दे देना अर्थी को कांधा
गर याद कभी आ जाये तब
नहीं तेरे कदम मेरी बिंदिया से कम
नहीं तेरी सांसे मेरी धडकनों से कम
नहीं तेरे ज़ज्बे मेरी सोच से कम
नहीं तेरी निगाहें मेरे नयनो से कम
अब साथ तपन की लौ बन जाने दे !
सूने-सूने मुरझाये बोझिल यह नयन
सारी खुशीयाँ सारे दर्द बराबर हम तस्लीम करेंगे
एक दिन तो तुम आओगे मेरे अंगना
यह सोच बेताब दिल को तसल्ली दे लेंगे !
लाशों के ढेर से हम मर कर जी उठेंगे
देखने तेरी दुनिया हम फिर से जन्म लेंगे !
तेरी दुनिया आबाद रहे
यही आखिरी ख्वाहिश है मेरी
तेरा आलम खुशीयों में झूमता गाता रहे
मेरे बरबादे मोहब्बत की दुआएं तेरे साथ रहे !
तस्वीर तेरी मेरा दिल बहला ना सकेगी
मैं बात करुँगी वेह खामोश रहेगी
सीने से लगा लूंगी, वह कुछ ना कहेगी
वह गुमसुम रह एकटक देखा करेगी
मैं बैठी आंसू बहाया करुँगी !
तूफानों से बचने के लिए
किनारों की जरुरत है
पतझड़ को सहने के लिए
बहारों की जरुरत है
जिंदगी हमारी यह कितनी
बेबसी से भरी होती है
जनाज़ा उठाने के लिए
सहारों की जरुरत होती है !
चलने को अब थक चुके हैं पैर
बढ़ने को रास्ता नज़र नहीं आता
तेरी मंजिल पे आके दम तोड़ देने को
दीदारे मोहब्बत का कारवां नज़र नहीं आता !
मेरी हर ख्वाहिश पे मेरा दम निकलता है
यह तो जिंदगी की आखिरी ख्वाहिश है
दम निकल कर तेरे क़दमों में पड़ा है !
तुम जब साथ रहते हो
अजीब सी भयवाने हयात में बदल जाती हूँ
ना पाकर नज़दीक अपने
गमे हयात में बदल आंसूयों में डूब जाती हूँ !
तुम राही हो उजालों के
अंधेरों से डरना नहीं
तूफानों से भयभीत होना नहीं
तीक्ष्ण प्रहारों से पीछे हटना नहीं
भीष्म ताप से जलना नहीं
युग-युगान्तरों से हैं हम तुम्हारे
इन राहों में यूँ छोड़ जाना नहीं !
मेरे मन के मीत तुम्ही हो
राग तुम्ही हो गीत तुम्ही हो
इतना मेरा जी ना जलाओ
प्यार का बंधन तोड़ ना जाओ
ऋतू आई है तुम भी आओ
फिर हम मिलकर रास रचाए
प्यार का बंधन तोड़ ना पायें !
सोच को शब्द देने का सार्थक प्रयास
ReplyDeleteमेरे मन के मीत तुम्ही हो
ReplyDeleteराग तुम्ही हो गीत तुम्ही हो
इतना मेरा जी ना जलाओ
प्यार का बंधन तोड़ ना जाओ
ऋतू आई है तुम भी आओ
फिर हम मिलकर रास रचाए
प्यार का बंधन तोड़ ना पायें !
कविता को पूर्णतः नकारात्मकता न देने का धन्यवाद.
bahut sundar
ReplyDeleteदिल की बात शब्दों में संजोये है
ReplyDeleteदिल है इंतजार में अभी
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इन राहों में यूँ छोड़ जाना नहीं !
इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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